शुक्रवार 7 मार्च 2025 - 14:57
सरकार वक़्फ़ सम्पत्तियों पर कब्ज़ा कर के मुसलमानों की कमर तोड़ना चाहती हैः मौलाना कल्बे जवाद नक़वी

हौज़ा / लखनऊ 7 मार्च: भाजपा सरकार द्वारा संसद में वक़्फ़ संशोधन विधेयक पेश किये जाने के ख़िलाफ़ आज मजलिस उलेमा-ए-हिंद की ओर से जुमे की नमाज़ के बाद आसिफी मस्जिद में विरोध प्रदर्शन किया गया। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व इमामे जुमा मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने किया। इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सरकार की वक़्फ़ विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ नारे लगाए और वक़्फ़ बिल को वापस लेने की मांग की।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,लखनऊ 7 मार्च: भाजपा सरकार द्वारा संसद में वक़्फ़ संशोधन विधेयक पेश किये जाने के ख़िलाफ़ आज मजलिस उलेमा-ए-हिंद की ओर से जुमे की नमाज़ के बाद आसिफी मस्जिद में विरोध प्रदर्शन किया गया। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व इमामे जुमा मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने किया। इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सरकार की वक़्फ़ विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ नारे लगाए और वक़्फ़ बिल को वापस लेने की मांग की।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने कहा कि हम वक्फ संशोधन बिल को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जहां भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य मुस्लिम संगठन इस बिल का विरोध करेंगे, हम जरूर शामिल होंगे और उनका समर्थन करेंगे।

मौलाना ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति द्वारा मुसलमानों को धोखा दिया गया, जी.पी.सी को भेजे गए प्रस्तावों को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया। कुछ वो मुसलमान जो पद के लालची और क़ौम के गद्दार है उन्होंने इस बिल का समर्थन किया जिसके आधार पर कहा जा रहा है कि अधिकांश मुसलमान इस बिल के पक्ष में हैं, यह पूरी तरह से धोखा है क्योंकि सभी मुसलमान और उलेमा इस बिल के खिलाफ हैं।

सरकार ताक़त के ज़ोर पर इस बिल को पारित कराना चाहती है ताकि वक़्फ़ की ज़मीनो पर कब्ज़े किये जा सके। उन्होंने आगे कहा कि यह बिल औक़ाफ़ को तबाह करने के लिए लाया जा रहा है। जिन औक़ाफ़ की निगरानी जिलाधिकारी और आयुक्त करते हैं, उनकी हालत बहुत खराब है जिसका उदाहरण हुसैनाबाद ट्रस्ट और चौक लखनऊ में मौजूद शाही शिफ़ाख़ाना हैं।

हुसैनाबाद ट्रस्ट की इमारतें बेहद जर्जर हालत में हैं, जिन पर आय का एक प्रतिशत भी खर्च नहीं किया गया है। ट्रस्ट की जमीनों पर अवैध कब्ज़े हो गए हैं, मंदिर बना दिए गए हैं। इसी प्रकार शाही शिफ़ाख़ाना पर भी अवैध कब्जे हैं।

गरीबों और बीमारों के रहने के लिए जो कमरे बनाये गये थे, उनमें आलीशान दुकानें खुल गयी हैं। डी.एम और कमिश्नर की निगरानी में औक़ाफ़ में लगातार बेईमानी हो रही है, इसके बावजूद सरकार वक्फ संशोधन विधेयक के जरिये वक़्फ़ संपत्तियों को डी.एम. और कमिश्नर की निगरानी में देना चाहती हैं, जो पहले से ही बेईमानी में लिप्त हैं।

मौलाना ने मीडिया और प्रदर्शनकारियों को हुसैनाबाद ट्रस्ट और शाही शिफ़ाख़ाना की जर्जर इमारतों और अवैध कब्जों की तस्वीरें भी दिखाईं। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए। मौलाना ने कहा कि सरकार औक़ाफ़ पर कब्ज़ा कर मुसलमानों की कमर तोड़ना चाहती है ताकि उन्हें आर्थिक रूप से और पिछड़ा बनाया जा सके।

मौलाना ने कहा कि सरकार कह रही है कि औक़ाफ़ की आय से गरीबों की मदद की जायेगी, यह भी झूठ है। उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों की भलाई के लिए मंदिरों से हजारों टन सोना बाहर निकालना चाहिए, इससे देश की गरीबी भी खत्म हो जाएगी, आखिर सरकार केवल वक़्फ़ संपत्तियों के लिए कानून क्यों बना रही है? मंदिरों को भी इसके दायरे में लाया जाना चाहिए ताकि मंदिरों में मौजूद सोने और चांदी से देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि देश के हित के लिए मंदिरों का सारा सोना और चांदी भारतीय रिजर्व बैंक को सौंप दिया जाना चाहिए।

मौलाना ने आगे कहा कि बीजेपी कुछ फाशिस्ट ताकतों और कुछ कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए वक्फ संशोधन बिल ला रही है। बीजेपी अब अपने 'सब का साथ, सबका विकास' के नारे से पीछे हट गई है। मौलाना ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल को मुसलमान कभी स्वीकार नहीं करेंगे और इसका विरोध जारी रहेगा।

उन्होंने सभी मुसलमानों से मिलकर इस बिल का विरोध करने की अपील की और कहा कि सभी मुसलमानों को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बैनर तले आयोजित विरोध प्रदर्शन में भाग लेना चाहिए। वक्फ संशोधन विधेयक को पारित होने से रोकना हमारी मिल्ली और मज़हबी जिम्मेदारी है।

मौलाना मुहम्मद मियां आबिदी और मौलाना रज़ा हुसैन रिज़वी ने भी वक्फ संशोधन बिल की निंदा करते हुए कहा की हम इस बिल को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। उलमा ने कहा कि अगर वक्फ बोर्ड में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार हो रहा है तो उसका समाधान बोर्ड को ही खत्म कर देना नहीं है, उन्होंने कहा कि अगर वक्फ में भ्रष्टाचार है तो इसके लिए एक जांच कमेटी बनायी जाये, हम इस जांच कमेटी का पूरा समर्थन करेंगे।

मौलाना कल्बे जवाद नक़वी के साथ मौलाना वसी रज़ा आबिदी, मौलाना शबाहत हुसैन, मौलाना मुहम्मद मियां आबिदी, मौलाना निसार अहमद, मौलाना फ़िरोज़ हुसैन, मौलाना रज़ा हुसैन रिज़वी और मौलाना आदिल फ़राज़ ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।

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